संकुल मीटिंग में निपुण भारत योजना को पंख देने पर किया गया विचार, शिक्षा दीक्षा की ऑनलाइन व्यवस्था की महत्ता पर भी डाला प्रकाश

         ग़ाज़ियाबाद। संकुल नाहल के पूर्व माध्यमिक विद्यालय ढबारसी में आयोजित मासिक क्लस्टर मीटिंग में 100 डेज़ रीडिंग कैंपेन, टाइम एंड मोशन, ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण और चहक कार्यक्रम आदि की समीक्षा के साथ ही विभिन्न शैक्षिक एप्स डाउनलोड करने की स्थिति और विद्यालय में बाल मैत्री वातावरण सृजित करने की आवश्यकताओं पर बल दिया गया।

       स्टेट रिसोर्स ग्रुप सदस्या विनीता त्यागी ने चहक कार्यक्रम की गाइडलाइंस की बारीकियां समझाते हुए बताया कि तीन माह का स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम सिर्फ़ उन बच्चों के लिए तैयार किया गया है जोकि अगले साल कक्षा एक में प्रवेश पाने वाले हैं। प्रवेश से पूर्व वो इस समय आंगनबाड़ी केंद्रों की बाल वाटिका में पंजीकृत हैं।
     वरिष्ठ एसआरजी पूनम शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों को खेल खेल में सिखाने के लिए प्रतिदिन गतिविधियों को संचालित किया जाए। इसमें प्रतिदिन प्रार्थना, बालगीत के अलावा अपने आस पास के जानवरों की आवाज़ को निकालना, मोड़-तोड़कर कागज की गेंद बनाना, हथेली से नापकर बड़ी व छोटी वस्तुओं के नाम बताना, ध्वनि पहचानना, मुक्त चित्रकारी, कहानियों के माध्यम से सीखना, मिट्टी पर आकृतियां बनाना, अंगूठे की छाप से आकृतियां बनाना आदि खेल शामिल हो सकते हैं। उनका कहना था कि गतिविधियों में भाग लेने से पहली कक्षा के बच्चे को स्कूल के माहौल में ढलने तथा अपने सहपाठियों से सामंजस्य बनाने में मदद मिलती है। बच्चों को पहली कक्षा से ही गुणवत्ता शिक्षा मिलेगी तो उनका आगे काफी शैक्षणिक विकास होगा। उन्होंने बताया कि बच्चों को भाषा व गणित विषय में रुझान बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम के तहत प्रयास किए जा रहे हैं।

     संकुल प्रभारी मुहम्मद सलीम ने प्रेरक विद्यालय बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में और अधिक तेज़ी लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जूनियर हाई स्कूल में प्रत्येक छात्र से क्लास साथी ऐप डाउनलोड करा कर एमसीक्यू के प्रश्न हल कराए जाएं। ऐसा करने से बच्चों में प्रतियोगी परीक्षाओं को क्रैक करने में आदत बनेगी। 

         इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार ने अपने संदेश में कहा कि स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 20 परसेंट अधिक नामांकन का लक्ष्य प्राप्त करना हम सब की जिम्मेदारी है। उनका कहना था कि शत-प्रतिशत नामांकन के साथ ही स्कूलों में बच्चों का ठहराव और संप्राप्ति का संपूर्ण उत्तरदायित्व सेवित बस्ती के विद्यालय में कार्यरत सभी अध्यापकों का है। बीईओ का कहना था कि सामुदायिक सहभागिता प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका एसएमसी मीटिंग को नियमित करना है। प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को एसएमसी के मीटिंग में बच्चों की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति के साथ बच्चों की प्रगति भी शेयर कर दी जाए तो निश्चित रूप से पॉजिटिव परिणाम प्राप्त होंगे। 

      इस अवसर पर मोहम्मद असलम, शौकीन अली, रमा मिश्रा, प्रियंवदा यादव, सोनल मिश्रा, माया रानी, संतोष, विकास कुमार, जैशल, दीप्ति सिंह, योगेश कुमार, सलीमुद्दीन, शिखा चारग और नविता आदि अध्यापकों ने अपने कक्षा शिक्षण के नवाचारी विचार प्रस्तुत किए।

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